संस्था के विशेष आकर्षण
श्री गुजरती समाज शिक्षा के लिए समर्पित एक विशाल केंद्र है । यह इंदौर का ही नहीं बल्कि प्रदेश का सबसे बड़ा स्कूल है । गुजरात से आये हुए व्यावसायिक रूप से साहसिक गुजरातियों ने अपनी भाषा और संस्कृति से जिवंत संपर्क बनाये रखने हेतु १९२३ में जेलरोड पर मात्रा ७ छात्रों की संख्या से छोटा सा स्कूल प्रारम्भ किया था ।
व्यावसायिक एवं आर्थिक रूप से सफल श्री मणिलाल पारीख गहन आध्यात्मिक प्रवृत्ति के थे । इसी आध्यात्मिकता ने उन्हें विशाल हृदय वाला बना दिया था । १९४२ के आते आते इस विद्यालय को विशाल आकार देने के लिए सेठ श्री ने न केवल रूपये ३५,०००/- दान दिए, अपितु स्वयं और अपने साथियो के साथ भागीरथ प्रयत्न से नगर-नगर द्वार-द्वार से १,८०,०००/- रुपये एकत्रित किये । सेठजी की धर्मपत्नी श्रीमती चञ्चलबेन मणिलाल परिख के सहयोग से १९५७ में सी ऍम पी विद्यालय की स्थापना हुई ।
सन्देश
ज्ञान व्यक्ति का एक ऐसा गुण है जिससे विकारो का शमन होता है । विमल विचारो का शमन होता है । चिंतन की रश्मियां तम को दूर कर समस्त वातावरण को आलोकित कर देती है । विद्यालय / महाविद्यालय ज्ञान की अखंड ज्योति को दीप्त करने का साधन है । साथ ही विद्यार्थियों में करुणा, संयम, प्रेम, सहानुभूति, त्याग, अनुशासन, आदि नैतिक एवं मानवीय उदार गुणों को विकसित करने का सार्थक प्रयास करते है । ऐसे ही सद्गुणों को समाज में विकसित करने हेतु हमने सदैव तत्पर रहना चाहिए । यही उत्तम विचार राष्ट्र के नवनिर्माण में मील का पत्थर साबित होंगे । श्री गुजराती समाज इंदौर छात्रों में भारतीय आदर्शो की रक्षा के लिए दृढ़ता से ठोस कार्य करने हेतु सतत प्रयत्नशील है ।
- पंकज संघवी
मानद महामंत्री
श्री गुजराती समाज, इंदौर